top of page
Search
ranvirsinghgulia

हमें ऐसे ही रहने दो

मैं नर हूँ

मुझे नर ही रहने दो

मैं नारी हूँ

मुझे नारी ही रहने दो

हम नर नारी हैं

हमें नर नारी ही रहने दो

प्रकृति नियमाधीन कृति अनुपम

पूर्ण निष्ठ व सक्षम

पूरक हैं हम

हमें पूरक ही रहने दो

हमें ऐसे ही रहने दो

क्षमताएं असीमित रखते हम

पार करें पथ दुर्गम

मत धकेलो स्पर्धा के दलदल में

प्रेरक हैं हम

हमें प्रेरक ही रहने दो

हमें ऐसे ही रहने दो


57 views0 comments

Recent Posts

See All

कल आज और कल

आज परिणाम है कल का कल परिणाम होगा आज का आज को सुंदर से सुन्दरतर बनाने की चाह में विकृत किया मानव ने कल को पूर्व व पुनर्जन्मों में स्वयं...

विश्वास

विश्वास है यदि कुछ तो वह केवल आत्म-विश्वास ज्ञान आधारित जिसका जन्म और विकास ज्ञान के लिए केवल पुरुषार्थ नहीं तो है अंध-विश्वास महानतम...

क्षमा करो

क्षमा करो और भूल जाओ मान क्षमा को शक्ति गुण गाओ व अपनाओ पहनकर क्षमा परिधान स्वयं को समझना महान किसी धूर्त की वंचिका है यह किसी अपराधी की...

Comments


bottom of page