सच झूठ कब कैसे
- ranvirsinghgulia
- May 11, 2021
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अभी मैं छोटा हूँ
सच भी बोलता हूँ
झूठ भी बोलता हूँ
नहीं जानता कब और कैसे
इसलिए कभी मार खाता हूँ
कभी दुलार पाता हूँ
पर अब मैं बड़ा हो गया हूँ
सच, झूठ, कब, कैसे में
कल्पित नैतिकता देखता हूँ
इसलिए चुप रहता हूँ
सच झूठ के बदले
सही की रचना करता हूँ
जो राजनीतिक सही है
वही बोलता हूँ
कब कैसे के बहाने
सच और झूठ को कहने का
साहस खो चुका हूँ
शायद मैं भीरु हो गया हूँ
क्योंकि मैं बड़ा हो गया हूँ
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