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परिवर्तन

  • ranvirsinghgulia
  • May 11, 2021
  • 1 min read

जानता हूँ विकास तंत्र है परिवर्तन

हो सकता है विनाश तंत्र परिवर्तन

मानव ज्ञान का लक्ष्य है परिवर्तन

किसी क्रम का भाग है परिवर्तन

हर क्रम अवस्था के होते परिणाम

पूर्व नियोजित हैं जिसके आयाम

निश्चित हैं लक्षण

निश्चित हैं गुण

कुछ और नहीं हो सकते

जब तक क्रम न बदले

करना है यदि ज्ञान अर्जन

सहज हुआ ज्ञान वर्धन

जानने हैं बस गुण लक्षण

लक्ष्य हो यदि करना विकास

तो केवल करना है अभ्यास

पूर्व नियोजन को भाग्य मानके

अपने को असहाय जानके

जी चुराना है अभ्यास से

तो द्वार खुलेंगे विनाश के

 
 
 

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