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प्रेरणा

डरता हूँ कुछ कुछ

शब्दजाल में लपेट कर तुमको

सीमित न कर दूँ अपनेको


डरता हूँ कुछ कुछ

अलंकारों से सजाकर तुमको

विचलित न कर बैठूं स्वयं को

डरता हूँ कुछ कुछ


सहज हो तुम

सरल हो तुम

आँखों में छिपी

नभ को चीरती

ज्योति हो तुम

प्रेरणा हो तुम


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