छोटा सा जीवन
खोजता है हर पल
कौन अपने कौन पराये
मात पिता ने जन्म दिया
भाई बहन का साथ दिया
माता पिता के भी थे भाई बहन
सब रक्त संबंधों को नाम दिया
परिवार संस्था को आयाम दिया
अपनों में रक्त संबंध करते वर्जित
स्वस्थ नियम दोषों से थे परिचित
छोटे थे तब लगते सब ये अपने
बड़े हुए सब चले खोजने अपने अपने
परिवार मिले पराये
नए नए संबंध बनाए
जन्म दिया कुटुंब संस्था को
समझा इसमें सारी वसुधा को
अंग हैं केवल अपने पराये
एक उन्नत सभ्यता के
क्रमिक विकास के
संबंध नहीं है सुख दुःख से
मात पिता जब चले गए
पता चला वे भी थे खोज रहे
हम में सपने अपने
सहन करना सिखा गए
स्थिर रहना बता गए
ना जन्म हाथ में
ना साथ हाथ में
संघर्ष नाम है जीवन का
विपदा में स्थिर होने का
मधुर कल्पना मन्त्र जीने का
जन्म जन्म जो साथ निभाए
वह बस अपना शेष पराये
युग ऐसे में अब रहते
नहीं जान सकते
संम्बंध होते हैं कैसे
स्वयं केन्द्रित हैं परिवार
स्वार्थ है केवल आधार
मात पिता विच्छेद है अधिकार
कारण है केवल अहंकार
बिन परिवार सम्बन्ध बनाते नर नारी
नर नर के साथ नारी के साथ नारी
अपराध जनित अपवादों को
अनुशासन हीन उपजी व्याधि को
प्रकृति जनित लाचारी मानते
मानव अधिकार इसे बताते
अर्थ आधार जीवन जीते हैं
कन्या भ्रूण हत्या करते हैं
सुख दुःख से जोड़ते हैं
कभी अपने कभी पराये
बच्चे होते ही नहीं
या एक दो होते हैं
कैसे जानेंगे दादा दादी क्या होते हैं
भाई बहन क्या होते हैं
परिवार क्या होते हैं
अपने क्या होते हैं
पराये क्या होते हैं
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