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अपने पराये

  • ranvirsinghgulia
  • May 11, 2021
  • 1 min read

छोटा सा जीवन

खोजता है हर पल

कौन अपने कौन पराये

मात पिता ने जन्म दिया

भाई बहन का साथ दिया

माता पिता के भी थे भाई बहन

सब रक्त संबंधों को नाम दिया

परिवार संस्था को आयाम दिया

अपनों में रक्त संबंध करते वर्जित

स्वस्थ नियम दोषों से थे परिचित

छोटे थे तब लगते सब ये अपने

बड़े हुए सब चले खोजने अपने अपने

परिवार मिले पराये

नए नए संबंध बनाए

जन्म दिया कुटुंब संस्था को

समझा इसमें सारी वसुधा को

अंग हैं केवल अपने पराये

एक उन्नत सभ्यता के

क्रमिक विकास के

संबंध नहीं है सुख दुःख से


मात पिता जब चले गए

पता चला वे भी थे खोज रहे

हम में सपने अपने

सहन करना सिखा गए

स्थिर रहना बता गए

ना जन्म हाथ में

ना साथ हाथ में

संघर्ष नाम है जीवन का

विपदा में स्थिर होने का

मधुर कल्पना मन्त्र जीने का

जन्म जन्म जो साथ निभाए

वह बस अपना शेष पराये

युग ऐसे में अब रहते

नहीं जान सकते

संम्बंध होते हैं कैसे

स्वयं केन्द्रित हैं परिवार

स्वार्थ है केवल आधार

मात पिता विच्छेद है अधिकार

कारण है केवल अहंकार

बिन परिवार सम्बन्ध बनाते नर नारी

नर नर के साथ नारी के साथ नारी

अपराध जनित अपवादों को

अनुशासन हीन उपजी व्याधि को

प्रकृति जनित लाचारी मानते

मानव अधिकार इसे बताते

अर्थ आधार जीवन जीते हैं

कन्या भ्रूण हत्या करते हैं

सुख दुःख से जोड़ते हैं

कभी अपने कभी पराये

बच्चे होते ही नहीं

या एक दो होते हैं

कैसे जानेंगे दादा दादी क्या होते हैं

भाई बहन क्या होते हैं

परिवार क्या होते हैं

अपने क्या होते हैं

पराये क्या होते हैं

 
 
 

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