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कुछ KUCHH
का KA
कुछ KUCHH
Welcome to Kuchh Ka Kuchh, a blog by Lt Col Ranvir Singh, now transformed into a cherished corner of memories honoring the lives of Lt Col Ranvir Singh and Sudesh Singh, lovingly curated by their family.
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May 11, 20211 min read
कल आज और कल
आज परिणाम है कल का कल परिणाम होगा आज का आज को सुंदर से सुन्दरतर बनाने की चाह में विकृत किया मानव ने कल को पूर्व व पुनर्जन्मों में स्वयं...
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May 11, 20211 min read
विश्वास
विश्वास है यदि कुछ तो वह केवल आत्म-विश्वास ज्ञान आधारित जिसका जन्म और विकास ज्ञान के लिए केवल पुरुषार्थ नहीं तो है अंध-विश्वास महानतम...
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May 11, 20211 min read
क्षमा करो
क्षमा करो और भूल जाओ मान क्षमा को शक्ति गुण गाओ व अपनाओ पहनकर क्षमा परिधान स्वयं को समझना महान किसी धूर्त की वंचिका है यह किसी अपराधी की...
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May 11, 20211 min read
ढलती याद
याद रहता था जब बस इतना हाँ यह मुझे याद था कल इसमें कुछ जुड़ गया फिर कुछ भी नहीं हो गया और मेरी समझ में आ गया कुछ आयाम होते हैं याद के भी...
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May 11, 20211 min read
सक्षम- अक्षम
ज्ञात हुआ जब प्रकृति नियम बचता वही जो सबसे सक्षम किया अर्थ का अनर्थ सक्षम बना नष्ट समर्थ करने लगा सभ्यताएँ नष्ट करने लगा प्रजातियाँ नष्ट...
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May 11, 20211 min read
मूल्य अमूल्य
सभ्यता रह गई है सिमट कर क्षमता जो सुविधाएं पा कर नैतिकता को ठुकराकर छीन कर या खरीदकर दिखा सके अहंकार अपना वंचित कर अधिकार सबका चोर डाकू व...
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May 11, 20211 min read
आज फिर
आज फिर देखा था तुम्हें चलते हुए आज फिर देखा था तुम्हें बोलते हुए मिटटी का आंगन था मिटटी का घर था पर नया था मिटटी के कमरे थे जिनमें बैठे...
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May 11, 20211 min read
परिवर्तन
जानता हूँ विकास तंत्र है परिवर्तन हो सकता है विनाश तंत्र परिवर्तन मानव ज्ञान का लक्ष्य है परिवर्तन किसी क्रम का भाग है परिवर्तन हर क्रम...
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May 11, 20211 min read
आस्था
जिसे समझते हैं विश्वास वह केवल आत्म-विश्वास ज्ञान आधारित जन्म जिसका ज्ञान निर्भर ही विकास इसका ज्ञान के लिए केवल पुरुषार्थ नहीं तो है...
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May 11, 20211 min read
आधे अधूरे
सुख छोटा लगता है दुःख बड़ा हो जाता है अपने बन जाते हैं पराये पराये हो जाते हैं अपने अच्छा बन जाता है बुरा बुरा बन जाता है अच्छा जो कल तक...
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May 11, 20211 min read
अपने पराये
छोटा सा जीवन खोजता है हर पल कौन अपने कौन पराये मात पिता ने जन्म दिया भाई बहन का साथ दिया माता पिता के भी थे भाई बहन सब रक्त संबंधों को...
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May 11, 20212 min read
प्रजातंत्र
संसार का सब से बड़ा प्रजातंत्र है पर यह कैसा प्रजातंत्र है जिसमें न प्रजा है न तंत्र है प्रजा के नाम पर विधायिका समूह है विभिन्न दलों का...
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May 11, 20211 min read
मन करता है
मन करता है कुछ का कुछ बोलने को कोई हो न हो सुनने को मन करता है कुछ बात करने को पर वह हो तो सही सुनने को चाहते हैं मुझे जो चाहते हैं वो...
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May 11, 20211 min read
जीवन
भिन्न रूप हैं जीव के दृष्ट अदृष्ट विशाल अणु मानव वनस्पति कीट पतंग पक्षी पशु निर्भर है जो पोषण पर वायु जल व भोजन पर दृष्ट रूप में मुख का...
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May 11, 20211 min read
सच झूठ कब कैसे
अभी मैं छोटा हूँ सच भी बोलता हूँ झूठ भी बोलता हूँ नहीं जानता कब और कैसे इसलिए कभी मार खाता हूँ कभी दुलार पाता हूँ पर अब मैं बड़ा हो गया...
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May 11, 20211 min read
अर्पण
अर्पण तन हो या मन क्रिया में हो तड़पन तो है ये शोषण अर्पण के लिए हो तड़पन तो है ये तर्पण फिर कैसा शोषण तर्पण को कहना शोषण शोषण को कहना...
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Mar 6, 20212 min read
भारतीय संस्कृति – पुनरुत्थान
संस्कृत से संस्कृति, संस्कृत से संस्कार संस्कृत खो गई, खो गए संस्कृति संस्कार लक्ष्य हो ज्ञान वर्धन वर्धन के साथ संवर्धन फिर होता है...
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Mar 6, 20211 min read
कुछ का कुछ
सुनाई देना कुछ कम हो गया है कुछ का कुछ सुन लेता हूँ कुछ का कुछ बोल देता हूँ दिखाई देना कुछ कम हो गया है कुछ का कुछ देख लेता हूँ कुछ का...
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Feb 20, 20211 min read
चलती फिरती लाश
एक युग था एक प्रथा थी नई पीढ़ी आसीन होती थी पुरानी वरदान देती थी दोनों प्रतीक्षा करती थी सुन्दर को सुन्दरतर बनाने की सम्मान था शेष जीवन...
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Feb 20, 20211 min read
प्रेरणा
डरता हूँ कुछ कुछ शब्दजाल में लपेट कर तुमको सीमित न कर दूँ अपनेको डरता हूँ कुछ कुछ अलंकारों से सजाकर तुमको विचलित न कर बैठूं स्वयं को...
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